Thursday, January 24, 2019

भारत में रात के वक्त 4.5 गुना तेज चलता है इंटरनेट, नवी मुंबई में 4जी स्पीड सबसे ज्यादा

देश में रात के समय इंटरनेट स्पीड दिन के मुकाबले 4.5 गुना तेज मिलती है। सुबह 10 बजे से लेकर रात 10 बजे तक 4जी डाउनलोड स्पीड औसतन 6.5 एमबीपीएस से भी कम मिलती है। रात 12 बजे के बाद यह स्पीड बढ़ना शुरू होती है। लंदन की वायरलैस मैपिंग कंपनी ओपन सिग्नल ने भारत के शहरों पर जारी अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। स्पीड टेस्टर कंपनी ओपन सिग्नल के मुताबिक, देश में रात 10 बजे डाउनलोड स्पीड सबसे कम 3.7 एमबीपीएस और तड़के 4 बजे साढ़े चार गुना ज्यादा यानी 16.8 एमबीपीएस रहती है।

जितना बिजी नेटवर्क, उतनी कम स्पीड
मोबाइल इंटरनेट की डाउनलोड स्पीड उसके इस्तेमाल पर निर्भर करती है। नेटवर्क जितना ज्यादा बिजी रहेगा, उतनी कम स्पीड यूजर को मिलेगी। ओपन सिग्नल के मुताबिक, रात के समय ज्यादातर लोग अपने मोबाइल पर वीडियो देखते हैं। इस वजह से नेटवर्क पर असर पड़ता है और डाउनलोड स्पीड प्रभावित होती है। तड़के 4 बजे ज्यादातर यूजर सो रहे होते हैं। उस वक्त नेटवर्क का इस्तेमाल उतना ज्यादा नहीं होता, इसलिए स्पीड ज्यादा मिलती है।

बिजी नेटवर्क में 2.5 से 5.6 एमबीपीएस स्पीड
इंटरनेट की स्पीड क्षेत्र के हिसाब से भी अलग-अलग है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में जब नेटवर्क बिजी रहता है, तो उस वक्त औसत डाउनलोड स्पीड 2.5 एमबीपीएस से 5.6 एमबीपीएस के बीच रहती है। जब नेटवर्क का इस्तेमाल ज्यादा नहीं होता, उस वक्त 4जी की औसत डाउनलोड स्पीड 9.9 एमबीपीएस से 19.7 एमबीपीएस के बीच मिलती है।

नवी मुंबई में 4जी की स्पीड सबसे ज्यादा, इलाहाबाद में सबसे कम

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अलग-अलग शहर और क्षेत्र में इंटरनेट की डाउनलोड स्पीड भी अलग-अलग है। नवी मुंबई में 4जी की डाउनलोड स्पीड सबसे ज्यादा 8.1 एमबीपीएस है। इलाहाबाद में सबसे कम 4 एमबीपीएस है। इंदौर में नेटवर्क फ्री रहने पर औसत डाउनलोडिंग स्पीड सबसे ज्यादा 21.6 एमबीपीएस दर्ज की गई। सबसे ज्यादा इंटरनेट डाउनलोड स्पीड वाले भारत के टॉप-10 शहरों में मध्यप्रदेश के दो शहर भोपाल और इंदौर शामिल हैं।

राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी की प्रभारी बनाकर मां सोनिया गांधी की सक्रिय चुनावी राजनीति से विदाई का रास्ता साफ कर दिया है। तय योजना के मुताबिक, इस बार सोनिया की जगह प्रियंका रायबरेली से लाेकसभा चुनाव लड़ेंगी। सोनिया की भूमिका कांग्रेस में मार्गदर्शक की होगी। जरूरत पड़ी तो यूपीए चेयरपर्सन बनी रह सकती हैं। उधर, मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, विजयलक्ष्मी, इंदिरा गांधी, फिरोज गांधी, संजय गांधी, राजीव गांधी, मेनका गांधी, राहुल गांधी, वरुण गांधी के बाद गांधी-नेहरू परिवार से प्रियंका की राजनीति में यह 12वीं एंट्री है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सोनिया ने काफी समय पहले स्वास्थ्य संबंधी वजहों से चुनाव नहीं लड़ने की बात कही थी। रायबरेली और अमेठी पूर्वी यूपी में हैं। ऐसे में प्रियंका को रायबरेली से उतारकर कांग्रेस पूरे यूपी में असर पैदा करना चाहती है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, राहुल मोदी और योगी को उनके घर में ही घेरना चाहते हैं। उन्होंने पिछले दो चुनाव के आंकड़ों का विश्लेषण कर ऐसी 26 सीटों पर फोकस किया है, जहां पार्टी टक्कर देने की स्थिति में है। कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा कि 1989 के बाद प्रदेश की सत्ता से बाहर होने के बावजूद पार्टी को न्यूनतम 8.5% और अधिकतम 14% वोट मिलते रहे हैं। ऐसे में प्रियंका के नेतृत्व में कांग्रेस को यूपी से बड़ी उम्मीद है।

तैयारी यूपी में, नजर पूरे देश पर

यूपी की 80 सीटों में से 33 प्रियंका देखेंगी। मोदी की सीट वाराणसी, योगी का गढ़ गोरखपुर, मुलायम की सीट आजमगढ़, ये सब प्रियंका के कार्यक्षेत्र में आएंगी। मोदी-योगी को यहां घेरने से देशभर में असर दिख सकता है।
कांग्रेस की 2009 में 21 सीटें थीं। 15 पूर्वी यूपी में थीं। वोटशेयर 19% था, जो 2014 में 9% बच गया और सीटें सिर्फ दो। इसलिए प्रियंका वहां काम करेंगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया पश्चिमी यूपी की कमान संभालेंगे।

Wednesday, January 16, 2019

कांग्रेस सरकार का यू टर्न, मीसा बंदियों को फिर से मिलेगी पेंशन

15 दिन बाद मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने मीसाबंदियों (लोकतंत्र सेनानियों) बंद की गई पेंशन पर यू टर्न ले लिया है। सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि मीसाबंदियों के भौतिक सत्यापन के बाद पेंशन फिर से शुरू की जाए। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवरात सिंह सरकार के आदेश की कॉपी ट्वीट करते हुए टू टर्न लिखा है।

सन 1977 में आपातकाल के दौरान जेल गए लोगों को मध्यप्रदेश की तात्कालीन सरकार पच्चीस हजार हर महीने पेंशन के तौर पर देती थी। इस पर प्रतिवर्ष करीब 70 करोड़ रुपए खर्च हो रहे थे। सरकार ने पेंशन वितरण रोके जाने का प्रमुख कारण महालेखाकार की उस रिपोर्ट को बताया है जिसमें महालेखाकार ने पिछले वित्तीय वर्षों में लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि में भुगतान को बजट प्रावधान से अधिक का बताया था।

सरकार ने लगाई थी रोक: सरकार की तरफ से सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से प्रदेश से सभी संभाग के कमिश्नर और कलेक्टरों को दिए निर्देश में लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि के राशि के वितरण पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए थे। इसके बाद मीसा बंदियों को पेंशन मिलना बंद हो गई थी। इस संबंध में पिछले सप्ताह ग्वालियर की हाईकोर्ट बैंच में एक याचिका भी दायर की गई थी। भाजपा नेताओं ने सरकार के इस फैसले को विरोध करते हुए इसे बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया था। वहीं कांग्रेस के नेताओं का कहना था कि भाजपा से जुड़े लोग फर्जी तरीके से पेंशन ले रहे हैं।

क्या लिखा आदेश में: सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से 15 जनवरी को देर शाम जारी किए गए आदेश में समस्त आयुक्तों और और कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है। आदेश में कहा गया है कि लोकतंत्र सेनानियों के भौतिक सत्यापन आश्यकता है। राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि लोकतंत्र सेनानी या दिवंगत लोकतंत्र के आश्रित का भौतिक सत्यापन की कार्यवाही स्थ्ल पर जाकर कराई जाए। उनके बारे में स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद लोकतंत्र सेनानियों को फिर से निधि दी जाए।

इंदौर और भोपाल में मेट्रो चलेगी या मोनो रेल ये बात अगले महीने साफ हो जाएगी। सरकार ने मेट्रो की ज्यादा लागत को देखते हुए अब दोनों शहरो में मोनो रेल प्रोजेक्ट लांच करने पर विचार कर रही है। इसका प्रजेंटेशन तैयार है। जल्द ही अधिकारी इसे मुख्यमंत्री कमलनाथ को दिखाएंगे। मेट्रो प्रोजेक्ट को जमीन पर लाने से पहले ही प्रदेश सरकार इस पर 75 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर चुकी है।

उल्लेखनीय है कि बीते साल के अंतिम दिनों में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में कहा था कि मेट्रो की लागत ज्यादा आती है और जगह भी ज्यादा लगती है। इसकी तुलना में मोनो रेल में लागत भी कम और इसे मेट्रो की तुलना में आधी जगह में ही चलाया जा सकता है। इसलिए वे इंदौर भोपाल में मोनो रेल के बारे में विचार कर रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जाफर का कहना है कि सरकार ने अभी मेट्रो प्रोजेक्ट को बंद नहीं किया है। मोनो रेल पर भी विचार किया जा रहा है। जो काम अच्छा और कम लागत में होगा उसे किया जाएगा। अगले महीने तक सबकुछ साफ हो जाएगा।

75 करोड़ खर्च: 10 साल से कागजों पर दौड़ रही मेट्रो पर 75 करोड़ खर्च हो चुके हैं। अब प्रोजेक्ट पर पुनर्विचार हो रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, मेट्रो चलेगी या मोनो, कब चलेगी? इन प्रश्नों का जब तक पूरी तरह जवाब न मिल जाए तब तक शहर के ट्रैफिक की मौजूदा दिक्कतों को दूर करने के लिए फ्लायओवर, ग्रेड सेपरेटर और सब वे निर्माण पर भी दोबारा विचार हो सकता है। भोपाल में महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि अगर शहर की यातायात व्यवस्था सरकार को सुधारनी है तो सरकार भोपाल में चार-पांच फ्लाईओवर बनवा दे।

पूर्व मंत्री बाबूलाल गौर ने जताई थी आशंका: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने दावा किया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल और इंदौर के मेट्रो प्रोजेक्ट होल्ड कर दिए हैं। दोनों शहरों में मोनो रेल के संचालन पर विचार किया जा रहा है। गौर ने दैनिक भास्कर से चर्चा में बताया कि पिछले दिनों दिल्ली में मप्र भवन के भूमिपूजन कार्यक्रम में उनकी कमलनाथ से मुलाकात हुई थी। गौर के अनुसार यहां आपसी चर्चा में कमलनाथ ने उनसे कहा था कि दोनों शहरों के मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत बहुत अधिक है। मोनो रेल पर इससे कम राशि खर्च होगी।

Tuesday, January 8, 2019

नायरा-कीर्ति की गोदभराई में होने वाला है महाड्रामा

स्टार प्लस के फेमस टीवी शो 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' में खुशियों का माहौल है. इन दिनों चल रहे ट्रैक में नायरा और कीर्ति दोनों मां बनने वाली हैं. शो में बहुत धूमधाम से बेबी शावर सेलिब्रेट किया जा रहा है. लेकिन इसी बीच सीरियल में एक बड़ा ट्विस्ट आने वाला है. शो में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिलेगा.

बॉलीवुड लाइफ की रिपोर्ट के मुताबिक, शो में कीर्ति का एक्स हसबैंड आदित्य, कीर्ति और नक्ष के बच्चे को मारने की साजिश रच रहा है. कुछ वक्त पहले ही आदित्य की शो में वापसी हुई है और वो अब कीर्ति की खुशियों को बर्बाद करना चाह रहा है. आदित्य ने बेबी शावर के दौरान कीर्ति के बच्चे को नुकसान पहुंचाने की प्लानिंग की है. वो आने वाले एपिसोड में वैशाली की मदद से कीर्ति के बच्चे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा.

वहीं एक मिस्ट्रीमैन की शो में एंट्री होने वाली है. वो कीर्ति को आदित्य से बचाएगा और घरवालों के सामने आदित्य की पोल खोलेगा. इसके अलावा इस ड्रामे के बीच आदित्य और वैशाली के बीच के रिश्ते की सच्चाई भी सबके सामने आ जाएगी. देखना दिलचस्प होगा कि आदित्य की सच्चाई सामने आने के बाद सभी घरवाले कैसे रिएक्ट करते हैं.

बता दें कि हाल ही में शो में नक्ष का किरदार निभाने वाले ऋषि देव ने सीरियल को अलविदा कह दिया.रिपोर्ट्स के मुताब‍िक टीवी एक्टर शहजाद शेख को नक्ष के किरदार के लिए साइन किया गया है. शहजाद शेख को आपने हाल ही में ऑफ एयर हुए टीवी सीरियल 'बेपनाह' में देखा था.

हालिया इंटरव्यू में ऐश ने अपनी प्रग्नेंसी के बारे में पहली बार खुलकर बात की. ऐश को जब सुपर मॉम कह कर बुलाया गया तो वे काफी खुश हो गईं. उन्होंने कहा, "ये बेस्ट कॉम्प्लिमेंट है जो मुझे दिया जा सकता है. ये सबसे स्वाभाविक है और ये मेरे लिए जीवन का एक अनकंडीशनल एक्सपीरिएंस है. साथ ही ये सही मायने में एक प्यार है."

"मैं इसे डिफाइन करना पसंद नहीं करूंगी. मैं इसे तोड़ना भी पसंद नहीं करूंगी. मैं बस शुक्रिया कहना चाहूंगी. अपने बारे में ये सबसे प्यारी चीज है जो मैं सुन सकती हूं."

जब उनसे पूछा गया कि वे उन कुछ एक्ट्रेस में हैं जिन्होंने उस समय प्रेग्नेंसी को छिपाया नहीं जिस वक्त ये बॉलीवुड एक्ट्रेसेस के लिए एक टैबू की तरह था, क्योंकि उस दौरान ज्यादातर एक्ट्रेस खुद को लाइमलाइट से दूर रखती थीं? ऐश्वर्या ने कहा, "मैं हमेशा से फ्रंट लाइन में रही हूं. मैंने कोई चीज छिपाने की कोशिश नहीं की है. मैं आर्मी में पहले मोर्चे पर खड़ी हूं. मैं आलोचना और हर किस्म के तंज लेने को तैयार रहती हूं और मुझसे प्रेरित होकर बाकी महिलाएं भी ऐसा करती हैं."

ऐश्वर्या ने कहा, "सिर्फ प्रेग्नेंसी के मामले में ही नहीं बल्कि और कई चीजों में भी मैंने ऐसा किया है. प्रेग्नेंसी का दौर मेरे लिए अच्छा समय था और मुझे खुद के बारे में सोच कर अच्छा लगता है. हम अगर पहल शुरू करेंगे तो परिवर्तन आएगा. सौभाग्य से मेरे साथ मेरा बेबाक होना हमेशा सही साबित होता आया है."

稀土之争:特朗普的太空采矿之梦

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